Tuesday, June 14, 2022

छोटी सुख की पोटली

हम  पथ  पर चलते सुमन, पथ भी चलता साथ।
चलते    दोनों  पाँव   जब,   हिलते   दोनों  हाथ।।

पथ  पर  चलने  के  लिए,  होते   नियम  अनेक।
वो   राही   पालन  करें, जिसके   हृदय   विवेक।।

जीवन-पथ पर जो कभी, किया कहीं अभिमान।
वही   उठाते   बाद   में,  यत्र  - तत्र    नुकसान।।

ऊँचे   नीचे   पथ   मिले,   और   हजारों   मोड़।
अनुभव   सारे   मोड़   के,   होते    हैं   बेजोड़।।

सीधा  जीवन - पथ  सदा, किसे  मिला है मीत?
फिर मंजिल जो पा लिया, उसकी है यह जीत।।

छोटी सुख  की  पोटली, पथ  पर दुख विस्तार।
कर्तव्यों  के  बाद  ही,  मिले  उचित  अधिकार।।

जीवन - पथ  पर हम सभी, रोज सीखते सीख।
शहनाई  के  साथ  में, सुनो  बगल  की  चीख।।

1 comment:

कविता रावत said...

वाह! बहुत सुन्दर सार्थक जीवनोपयोगी दोहावली

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