हम पथ पर चलते सुमन, पथ भी चलता साथ।
चलते दोनों पाँव जब, हिलते दोनों हाथ।।
पथ पर चलने के लिए, होते नियम अनेक।
वो राही पालन करें, जिसके हृदय विवेक।।
जीवन-पथ पर जो कभी, किया कहीं अभिमान।
वही उठाते बाद में, यत्र - तत्र नुकसान।।
ऊँचे नीचे पथ मिले, और हजारों मोड़।
अनुभव सारे मोड़ के, होते हैं बेजोड़।।
सीधा जीवन - पथ सदा, किसे मिला है मीत?
फिर मंजिल जो पा लिया, उसकी है यह जीत।।
छोटी सुख की पोटली, पथ पर दुख विस्तार।
कर्तव्यों के बाद ही, मिले उचित अधिकार।।
जीवन - पथ पर हम सभी, रोज सीखते सीख।
शहनाई के साथ में, सुनो बगल की चीख।।
1 comment:
वाह! बहुत सुन्दर सार्थक जीवनोपयोगी दोहावली
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