Tuesday, December 20, 2022

मुहब्बत जगत में बड़ी बंदगी है

ये धरती हमारी तो गगन भी हमारा।
हकीकत हमारी तो सपन भी हमारा।।

जलता है सूरज तो चंदा है शीतल।
तजुर्बा सिखाता क्या सोना है पीतल।
शिखर से ही होता है पतन भी हमारा।
ये धरती हमारी -----

ये जीवन के रस्ते आसां नहीं है।
जिसे हौसला वो परेशां नहीं है।
सभी मुश्किलों पर है नयन भी हमारा।
ये धरती हमारी -----

मिल के बढ़ें सब यही जिंदगी है।
मुहब्बत जगत में बड़ी बंदगी है।
चमन ये हमारा तो सुमन भी हमारा।
ये धरती हमारी -----

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