Tuesday, August 8, 2023

बस जिन्दा रहे विचार

हर मजहब में हो प्यार, इन्डिया जीतेगा।
इससे किसको इन्कार, इन्डिया जीतेगा।।

कब जयचन्दों की मर्जी, कुछ मीरजाफरी अर्जी। 
ये राष्ट्रवाद के चोले, अब लगते बिल्कुल फर्जी। 
सब ने खायी दुत्कार, इन्डिया जीतेगा। 
हर मजहब में-----

दल नहीं सियासी अपना, सत्ता ही जिनका सपना। 
आपस में मिल्लत करके, तू संविधान को जपना। 
बस जिन्दा रहे विचार, इन्डिया जीतेगा। 
हर मजहब में -----

है सचमुच ये हितकारी, हो कलम की पहरेदारी।
अब जान लिया लोगों ने, है नकली चौकीदारी। 
सच करो सुमन स्वीकार, इन्डिया जीतेगा।
हर मजहब में -----

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