दोनों के आँसू मिले, भींगा एक रुमाल।।
आँसू कैसे मिल गए, कैसे हुआ कमाल?
पोंछा उसी रुमाल से, हम दोनों के गाल।।
बहुत कीमती हो गया, लगता वही रुमाल।
बिन धोये रक्खा उसे, मुमकिन तभी कमाल।।
यह भी एक कमाल है, दशकों रखा संभाल।
प्यारा अबतक लग रहा, सचमुच वही रुमाल।।
जीवन में सचमुच सुमन, होता रहा कमाल।
बहके मन तो रोकता, अबतक वही रुमाल।।
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