बुरा वक्त को क्यूँ कहते हो, बुरे काम से डरना सीखो।।
जो जितना संघर्ष करे हैं, इतिहासों में वही बड़े हैं।
कितने आते - जाते जग में, पर यादों में वही खड़े हैं।
अहंकार की ऊँचाई से, हर दिन यार उतरना सीखो।
बुरा वक्त को क्यूँ -----
संभल के जीना खुशहाली में, बने वही बल बदहाली में।
किसे पता है कल क्या होगा, कब तूफान उठे प्याली मे?
तिल तिल नूतन होना खुद में, खुद से रोज संवरना सीखो।
बुरा वक्त को क्यूँ -----
संभव चेतन - मन से चिन्तन, अन्तर्मन में तब हो मन्थन।
सुमन चेतना जिनकी जैसी, उतना उनका हो अभिनन्दन।
जीवन जीना एक कला है, जीने खातिर मरना सीखो।
बुरा वक्त को क्यूँ -----
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