Tuesday, August 8, 2023

खुद की रोज तलाश

पाना मुमकिन सब यहाँ, खुला हुआ आकाश।
जीवन भर करना सुमन, खुद की रोज तलाश।।

बाहर से दुनिया बड़ी, सबके भीतर एक।
सुख भौतिक है बाहरी, अन्दर जगे विवेक।।

ये कहना मुश्किल बहुत, सबसे प्यारा कौन?
इस जीवन में प्यार की, भाषा हरदम मौन।।

शुतुरमुर्ग सा सर छुपा, मत बनना चालाक।
दुनिया अच्छी और हो, बोल सदा बेबाक।।

मकड़जाल सी जिन्दगी, सुलझाना है रोज।
कोशिश से मुमकिन सदा, समाधान की खोज।।

भाव सभी के जान कर, उचित सभी पर ध्यान।
नहीं बांटना है कभी, बिनु अनुभव के ज्ञान।।

इक दिन गाड़ी नाव पर, गाड़ी पर भी नाव।
कोशिश कर विकसित करें, नित कोमल बर्ताव।।

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