Tuesday, August 8, 2023

योगी का उद्योग

मना  रही  दुनिया  जिसे, सचमुच नेक प्रयोग। 
घर - घर  भारत  में  बसा, है  सदियों  से योग।।

दैनिक - कारज   में  रहा,  योग  सदा  पैवस्त। 
चाहे   दिन  रौशन  रहे,  या  सूरज  हो  अस्त।।

योग   धरोहर  देश  की.  सीखो  नूतन - योग।
शासक   हैं   योगी  अभी,  योगी  का  उद्योग।।

योग अभी तूफान - सा,  सबको  रहा  लपेट।
वो   कैसे   आसन   करें,  जिनके  भूखे  पेट।।

गली - गली की खबर में, आज योग का शोर। 
आसन  करने  से  अधिक, दिखलाने पर जोर।।

करनी  देखा तो  लगा,  शासक-गण चालाक। 
बना रहे  जो  योग  को, सचमुच एक मजाक।।

एक दिवस कर लो सुमन, क्या उन्नत हो योग?
इसको  कहें  प्रयोग  या,  केवल  यह  संयोग।।

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