अनपढ़ को देना मत वोट
चौपट राजा हुआ जहाँ भी
आमजनों को मिली कचोट
संभव है फिर लोभ जगाने
घर - घर जा कर बाँटें नोट
मत फँसना मोहक वादों में
परख जरा नीयत की खोट
रोटी खातिर बहुजन तरसे
शासक दल खाते अखरोट
काम किए बिन करते रहते
केवल भाषण से विस्फोट
सुमन सभी अन्याय छुपाने
क्यों लेते गाँधी की ओट
1 comment:
वाह
Post a Comment