Friday, November 3, 2023

ऐसा अमृत-काल अभी

बाँट रहे हैं यूँ खुशहाली, ऐसा अमृत-काल अभी 
अब संसद में देते गाली, ऐसा अमृत-काल अभी 

संविधान की कसमें खाकर, तोड़ रहे कानूनों को 
लोकतंत्र की यूँ रखवाली, ऐसा अमृत-काल अभी

नफरत मजहब की फैलाने, में शासक सहयोग करे 
कदम कदम पे नीयत काली, ऐसा अमृत-काल अभी 

आजादी के बाद हुआ है, जो कुछ हासिल भारत को 
शुरू हुई उसकी बिकवाली, ऐसा अमृत-काल अभी

जहाँ कृषक - मजदूर खुशी हों, देश वही बढ़ता आगे 
पेट करोड़ों के हैं खाली, ऐसा अमृत-काल अभी 

मर्दन महिला-मान किया जो, अब करते महिला-वंदन
उन्हें चाहिए इस पर ताली, ऐसा अमृत-काल अभी 

रंगे - सियारों को पहचानो, देश बचेगा तभी सुमन 
या फिर होगी छोटी थाली, ऐसा अमृत-काल अभी 

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