Saturday, March 9, 2024

मानवता का मीत राम है

हर  रावण  पे  जीत राम है 
मानवता  का  मीत  राम है 

नित्य आचरण व्यवहारों में
जीवन  का  संगीत  राम  है 

नफरत  के  बाजारों  में भी
सबके  दिल  में प्रीत राम है

मिल्लत से आपस में जीना 
यह  सामाजिक रीत राम है

नित रावण  से  लड़े लड़ाई 
लेकिन  यार अजीत राम है

राह मिली जीने की सुन के
जीवन  का  वो गीत राम है

धरा गगन या सुमन डाल पे
सच  पूछो  मनमीत  राम है 

No comments:

हाल की कुछ रचनाओं को नीचे बॉक्स के लिंक को क्लिक कर पढ़ सकते हैं -
विश्व की महान कलाकृतियाँ- पुन: पधारें। नमस्कार!!!