अपना चेहरा छुपाने से क्या फायदा?
भूल अपनी अगर दिल पसीजा नहीं,
फिर ये गंगा नहाने से क्या फायदा?
आपसी प्यार है तो ये दुनिया बसी,
प्यार समझा नहीं इस पे आती हँसी।
प्यार की सोच वो तो समन्दर-सा है,
बेवजह डूब जाने से क्या फायदा?
हम विरोधों से लड़-लड़ के आगे बढ़े,
अपनी क्षमता से आगे शिखर पे चढ़े।
करें आलोचना वो असल दोस्त हैं,
उसे दुश्मन बनाने से क्या फायदा?
अपने बच्चे को तालीम देते सभी,
उसने सीखा है क्या जाँचते हैं कभी।
अगर इन्सानियत उसने सीखा नहीं,
ऐसी शिक्षा दिलाने से क्या फायदा?
हर कदम है परीक्षा सुमन जिन्दगी,
लोग बेहतर बनें हम करें बन्दगी।
अपनी जो भी बुराई वो देखें सभी,
व्यर्थ ऊँगली उठाने से क्या फायदा?
5 comments:
सुन्दर
बेहद शुक्रिया तृप्ति जी। कृपया वो लिंक भेजें जहाँ पर जाकर अपनी टिप्पणी दे सकूँ।
धन्यवाद भाई
धन्यवाद भाई
https://halchalwith5links.blogspot.com/2025/03/4418.html?m=1
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