Wednesday, July 17, 2019

क्या दवा के साथ है?

देशभक्ति  यूँ  दिखाना, जो  फिजा  के  साथ है 
साथ  दीपक  के  दिखे, पर  वो हवा के साथ है

सिर्फ  नारों  के  सहारे, देश  किसका कब चला
जो  गिनाते  मर्ज  केवल, क्या  दवा  के साथ है

जिन्दगी का एक मकसद, बच सके इन्सानियत
बाँटते  नफरत  कहे  पर, वो  दुआ  के  साथ है

जोर  ताकत  का  दिखाकर, रोज ये राजा कहे
प्यार  से  दिल जीत लेने, की  कला के साथ है

जो चलन सदियों से अपने देश में चलता सुमन 
उस चलन को नित बचाने, की वफा के साथ है

1 comment:

डॉ. दिलबागसिंह विर्क said...

आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 18.7.19 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3400 में दिया जाएगा

धन्यवाद

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