Wednesday, September 18, 2019

खुद को समझे बुद्ध पड़ोसी

करते  हरदम  युद्ध  पड़ोसी
खुद को समझे बुद्ध पड़ोसी

परहेजी  वो  हँसी  खुशी के
दिखते अक्सर क्रुद्ध पड़ोसी

जो  अभ्यासी  घालमेल  के
कहते खुद  को शुद्ध पड़ोसी

ऊँच नीच का भाव लिए मन
प्रगति  करे  अवरुद्ध पड़ोसी

ऐसे  जिनके  सुमन  पड़ोसी  
फिर  कैसे अनिरुद्ध पड़ोसी

नोट  - अनिरुद्ध = निर्विरोध 

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