करते हरदम युद्ध पड़ोसी
खुद को समझे बुद्ध पड़ोसी
परहेजी वो हँसी खुशी के
दिखते अक्सर क्रुद्ध पड़ोसी
जो अभ्यासी घालमेल के
कहते खुद को शुद्ध पड़ोसी
ऊँच नीच का भाव लिए मन
प्रगति करे अवरुद्ध पड़ोसी
ऐसे जिनके सुमन पड़ोसी
फिर कैसे अनिरुद्ध पड़ोसी
नोट - अनिरुद्ध = निर्विरोध
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