पहले जो दरबारी बनते
लोग वही सरकारी बनते
कहते सेवा - भाव सियासत
पर सच में व्यापारी बनते
मैनेजेबुल सब कुछ यूँ है
डिग्री बिन अधिकारी बनते
उलट - पुलट कानूनी चाबुक
जनता की लाचारी बनते
मंत्री और विधायक तक भी
कितने अत्याचारी बनते
देख जेल में संत समागम
पहले - पहल पुजारी बनते
देखा अचरज एक सुमन ये
पुरुष-पुलिस को नारी बनते
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