अगर ज़िन्दगी जीना है तो खुद की नफरत कम कर दो
जहां मुहब्बत नहीं जरूरी वहां मुहब्बत कम कर दो
खुद का चेहरा जब दिखता हो आते जाते लोगों में
तब खुद को पहचानो प्यारे खुद की खिदमत कम कर दो
मर मिटने की कसमें खाना और निभाना बात अलग
खुद को तौलो फिर कसमें वादों की आदत कम कर दो
पास हमारे दो ही आंखें दुनिया पास हजारों हैं
दोष नहीं दुनिया में खोजो अपनी शिकायत कम कर दो
बार बार समझाने पर भी अगर सुमन कुछ ना समझे
वक्त उसे समझा देगा तू जरा हिफाजत कम कर दो
जहां मुहब्बत नहीं जरूरी वहां मुहब्बत कम कर दो
खुद का चेहरा जब दिखता हो आते जाते लोगों में
तब खुद को पहचानो प्यारे खुद की खिदमत कम कर दो
मर मिटने की कसमें खाना और निभाना बात अलग
खुद को तौलो फिर कसमें वादों की आदत कम कर दो
पास हमारे दो ही आंखें दुनिया पास हजारों हैं
दोष नहीं दुनिया में खोजो अपनी शिकायत कम कर दो
बार बार समझाने पर भी अगर सुमन कुछ ना समझे
वक्त उसे समझा देगा तू जरा हिफाजत कम कर दो
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