Wednesday, November 6, 2019

अरे रे रे बाबा ना बाबा

अभी मंदा है व्यापार, अरे रे रे बाबा ना बाबा
मस्ती में है सरकार, अरे रे रे बाबा ना बाबा

जितने भी तेरे वादे थे, कुछ झूठे तो कुछ आधे थे
लोगों ने जिसको सच माना, क्योंकि वो सीधे साधे थे
मत और करो लाचार, अरे रे रे बाबा ना बाबा
मस्ती में है सरकार-----

तुम लोगों को भरमाते हो और ताकत पे इतराते हो
जो भी विरोध तेरा करता तुम जेल उसे भिजवाते हो
क्या उचित है अत्याचार, अरे रे रे बाबा ना बाबा
मस्ती में है सरकार-----

ऐ भारतवासी अब जागो, कर्त्तव्य छोड़कर मत भागो
हक पाने को लड़ना होगा, तू व्यर्थ में जीवन मत त्यागो
फिर मांग सुमन अधिकार, अरे रे रे बाबा ना बाबा
मस्ती में है सरकार-----

No comments:

हाल की कुछ रचनाओं को नीचे बॉक्स के लिंक को क्लिक कर पढ़ सकते हैं -
विश्व की महान कलाकृतियाँ- पुन: पधारें। नमस्कार!!!