Saturday, December 14, 2019

जीवन तो बस आज की बात

जो कुछ भी है लाज की बात
बोलें  नहीं  रिवाज  की  बात

देशद्रोह  का   तमगा   उनको 
जो  करते  हैं  काज  की बात

मोहक  बातें   सोच  भयानक
मुश्किल कहना राज की बात

खुसुर-फुसुर  लोगों की भाषा
दबी  हुई  आवाज  की  बात

नुचे  पंख  से  क्या  उड़ान हो
ये है  सकल  समाज की बात

कबतक चीख  दबा सकते हो
परिवर्तन  आगाज  की  बात

कल भी था कल सुमन रहेगा 
जीवन तो बस आज की बात

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