Tuesday, January 14, 2020

समय पर सभी के ठिकाने लगे हैं

मिली जीत फिर मुस्कुराने लगे हैं
आवाज सबकी दबाने लगे हैं

दिखाए थे सपने सुनहरे दिनों के
अमावस को पूनम बताने लगे हैं

सभी अंग शासन का पंगु बनाया
लोगों को अब ये सताने लगे हैं

बड़ा कौन मज़हब इन्सानियत से
इन्सान बनने में जमाने लगे हैं

फ़रिश्ते नहीं तुम सुमन चेत जाओ
समय पर सभी के ठिकाने लगे हैं

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