मेरा देश जल रहा है
सबकुछ बदल रहा है
दुनिया के देश बढ़ते
ये क्यों फिसल रहा हैॽ
कानून को ये हर दिन
पल पल मसल रहा है
आवाज आम जन की
बल से कुचल रहा है
लाखों घरों में चूल्हा
मुश्किल से जल रहा है
आपस में भेद करना
उसका शगल रहा है
बस जागरण सुमन का
सब दिन से बल रहा है
सबकुछ बदल रहा है
दुनिया के देश बढ़ते
ये क्यों फिसल रहा हैॽ
कानून को ये हर दिन
पल पल मसल रहा है
आवाज आम जन की
बल से कुचल रहा है
लाखों घरों में चूल्हा
मुश्किल से जल रहा है
आपस में भेद करना
उसका शगल रहा है
बस जागरण सुमन का
सब दिन से बल रहा है
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