हर ॠतुओं का मजा खास है
होली का मौसम उदास है
है विकास का शोर बहुत पर
आया क्या सचमुच विकास है
खेल आंकड़ों का दिखलाना
ये विकास का बस कयास है
देश वही बढ़ता है आगे
अमन-चैन का जहां वास है
डर में कुछ तो कहीं हताशा
साहिब के घर मचा रास है
लाखों गांव - घरों में देखो
अंधियारा करता निवास है
करो सुमन जो काम तुम्हारा
फिर तो जीवन में सुवास है
होली का मौसम उदास है
है विकास का शोर बहुत पर
आया क्या सचमुच विकास है
खेल आंकड़ों का दिखलाना
ये विकास का बस कयास है
देश वही बढ़ता है आगे
अमन-चैन का जहां वास है
डर में कुछ तो कहीं हताशा
साहिब के घर मचा रास है
लाखों गांव - घरों में देखो
अंधियारा करता निवास है
करो सुमन जो काम तुम्हारा
फिर तो जीवन में सुवास है
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