Tuesday, June 8, 2021

गम के नहीं किनारे बदले

सूरज,  चाँद,  सितारे   बदले
गम  के  नहीं   किनारे  बदले

सच सवाल  बन खड़ा हमेशा
दुश्मन   बदले,   प्यारे   बदले

भौतिकता  की  मोह  में कैसे
लोग - बाग  भी   सारे  बदले

जब  विचार  के  साथ बढ़ोगे
तब   गर्दिश   के  तारे  बदले

जो   दरबारी    राग    सुनाए
उनके     वारे - न्यारे    बदले

सत्ता   की  सच्चाई  लिखना 
जिनके   वादे  -  नारे   बदले

कलम थामना सुमन फकीरी
बिल्कुल  नहीं  सहारे  बदले

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