अच्छे दिन का जो था वादा, कहाँ गया?
आज छुपा है ओढ़ लबादा, कहाँ गया?
रोजी, रोटी नहीं मिली, न ट्रेन बुलेट!
सबको पन्द्रह लाख जियादा, कहाँ गया?
कब उभरेगा भारत इक ताकत बन के?
विश्व गुरू बनने का इरादा, कहाँ गया?
आमलोग बदहाल मगर क्यों व्यापारी?
लूटा जो सोने का बुरादा, कहाँ गया?
छप्पन इंच का सीना अब न दिखे सुमन
बना अभी फर्जी से प्यादा, कहाँ गया?
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