यकीनन कल से ज्यादा, हर हमेशा आज प्यारा है
ये दुनिया है तभी प्यारी, अगर हमराज प्यारा है
चहकना, मुस्कुराना और, कितनी ही अदाएं पर
सभी की जिन्दगी में इक, सुमन - अंदाज प्यारा है
नहीं ढोना है जीवन को, नहीं तुम खींचना प्यारे
खुले उलझन की ये गाँठें, तरीका सीखना प्यारे
हवा विपरीत अपने हर हमेशा, रह नहीं सकती
हमें हर हाल में इस जिन्दगी, को जीतना प्यारे
कभी खुशियाँ कभी गम तो, कभी दोनों का संगम है
हमारे पास खुद के अनुभवों, का शेष परचम है
पसीने से अगर हासिल हुआ, तो कुछ मजा आता
अभी सम्मान प्रायोजित, जुगाड़ों का भी आलम है
स्वयं की जिन्दगी खातिर, स्वयं का कर्म होता है
उन्हीं कर्मो के अनुभव को, बताना मर्म होता है
सभी अपने ही कर्मों की, गवाही दे रहा जग में
हकीकत आज की लिखना, हमारा धर्म होता है

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