कब तलक ताकत का ये, होगा तमाशा क्या पता?
साँसें रुक जाने से कब, होगा धमाका क्या पता?
हो अमन दुनिया में कायम, ये बात हर शासक करे
क्या कहें है क्या हकीकत, क्या दिखावा क्या पता?
खुद को ही बेहतर दिखाने, के लिए हर जंग है
जो उजाड़े गाँव क्यों उनकी, पताका क्या पता?
शासकों की कुछ सनक जो, दर्ज है इतिहास में
क्यों लगाते आँसूओं पर, वो ठहाका क्या पता?
मौत से पहले सुमन तुम, मारते आवाम को
साथ क्यों फिर लोग दें, होगा छलावा क्या पता?
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