टूट रहे विश्वास सभी के, किया कभी विश्वास गलत
जिनके सब इतिहास गलत हैं, वो कहते इतिहास गलत
आमजनों को बस फुसलाया, रंग - बिरंगे सपनों में
समझ रहे हैं आमलोग अब, वे सारे आभास गलत
हँसते - गाते नौनिहाल क्यों, दिखा रहे विज्ञापन में
महसूसो नजदीक से उनकी , भूख गलत या प्यास गलत
इस आभासी युग में अक्सर, हम हैं दूर हकीकत से
रोटी सबसे बड़ी हकीकत, मत कहना एहसास गलत
आम लोग जीते भारत में, खास "इन्डिया" में जीते
सुमन बताओ सोच सोचकर, आम गलत या खास गलत
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