Monday, September 26, 2022

पानी तक भी मीठा, खारा हे भगवन्

तू  संकट  का  एक सहारा हे भगवन्
तुझको पूजे  ये  जग सारा हे भगवन्

भवसागर की  उलझन में डूबे - उतरे
सबको  तू  ही करे किनारा हे भगवन्

जब  दुख में बनते अनजाने सहयोगी 
दिखता  उसमें रूप तुम्हारा हे भगवन्

निशि दिन हम सब लगे हुए मैं, मेरा में
लेकिन कुछ भी नहीं हमारा हे भगवन्

बड़ी - बड़ी  बाधाएं भी तब टल जातीं 
श्रद्धा  से  जब  नाम पुकारा हे भगवन्

चंदा,  सूरज, पर्वत  कितने  रूप  तेरे
पानी  तक भी मीठा, खारा हे भगवन्

लाखों झटके खा करके इस जीवन में
सुमन करे दिल से जयकारा हे भगवन्

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