Tuesday, February 7, 2023

नहीं खुद को खुदा समझो

बदल देता जो मौसम को, हवा की बात करते हैं
मुकद्दर भी बदल सकता, दुआ की बात करते हैं

जगे जज्बात तो मुमकिन, लगाना आग पानी में
मगर जज्बे दबाकर के, दवा की बात करते हैं

सजाना जिन्दगी को यूँ कि बेहतर आज से कल हो
सजाते जो वही अक्सर, सजा की बात करते हैं

खुदा की इस खुदाई की, खुदाई हम सभी करते
नहीं खुद को खुदा समझो, खुदा की बात करते हैं

सदा बनकर के सौदाई, सुमन को क्यूँ सदा देते
सदा देते सदा लेकिन, दगा की बात करते हैं

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