Monday, April 24, 2023

जब शासक बाजीगर होता

दिल में हरदम इक डर होता
जब  शासक  बाजीगर होता

खुद  कहते वो मीत सभी के
मगर   सोच  से  बर्बर  होता

कहाँ घोषणा, क्या कर जाए
ये  सनकीपन  अक्सर होता

खुद  की   भूल  छुपाते  ऐसे 
अक्सर,  जैसे   कायर  होता

प्रगतिशीलता  में  बाधक  यूँ 
भाव - हीन ज्यों पत्थर होता 

दिन  आते  फिर परिवर्तन के 
घर घर में जिसका स्वर होता

जाना जिसने, वक्त, वक्त पर
सुमन  सही  में  शायर  होता 

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