Friday, November 3, 2023

मेरा किरदार दिखता है

कोई वेदों को पढ़ता है, कोई विज्ञान पढ़ता है 
इसी से जिन्दगी में ज्ञान का, अभियान बढ़ता है 
हमेशा मिहनती लोगों को, दुनिया पूजती आयी 
कई पीछे ही रह जाते, कोई प्रतिमान गढ़ता है 

बिना आँसू हृदय के मैल को, धोना नहीं होता 
दिखे परदे पे आँसू जो, कभी रोना नहीं होता 
जरूरी फर्क करना है, हकीकत क्या भरम क्या है
चमकता है जो पीला - सा, सभी सोना नहीं होता 

थकावट हो भले जितनी, समय पर जागना होगा 
पड़ोसी लड़खड़ाए गर, उसे भी थामना होगा 
नहीं जानेगा जो खुद को, वो दुनिया खाक जानेगा 
अगर खुद को समझना तो, खुद को साधना होगा

कोई खुश है किसी को गम भरा, संसार दिखता है 
बिना कर्तव्य के किसको, सदा अधिकार दिखता है
सुमन कोशिश करो संतान सब, इंसान बन जाए 
मेरी संतान में अक्सर, मेरा किरदार दिखता है 

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