Wednesday, January 17, 2024

वही विरोधी गुरु भी अपने

जो काम अपने बुरे या अच्छे, उसी का सर पे खिताब होगा 
मगर हमारे सभी  करम का, यहीं पे इक दिन हिसाब होगा 

मिले सफर में जहाँ विरोधी, जताया  हमने विरोध अपना 
वही  विरोधी  गुरु  भी  अपने, यही  हमारा  जवाब होगा 

सभी हैं आतुर बसाने घर को, वही चमन के हैं बागबां भी 
किसीके हाथों में सिर्फ कांटे, किसी के हाथों गुलाब होगा 

अरज  लिया  जो   विचार  जैसै, बना   के रस्ते चले भी वैसे 
मिलेगी वैसी उन्हें भी मंजिल, दिलों में जैसा भी ख्वाब होगा 

हर एक दिन है सुमन परीक्षा, ये जिन्दगी का कठोर सच है
संभल-संभल के कदम उठे जो, वही कदम लाजवाब होगा 

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